अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव को लेकर एक ताजा सर्वे सामने आया, रोचक हुआ ट्रंप बनाम हैरिस का मुकाबला

वाशिंगटन
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव को लेकर एक ताजा सर्वे सामने आया है। इसमें डोनाल्ड ट्रंप बनाम कमला हैरिस के बीच कड़े मुकाबले का अनुमान जताया गया है। हालांकि भारतीय मूल की कमला हैरिस के लिए अच्छी खबर है। अमेरिका में किए गए एक नए सर्वेक्षण के अनुसार, राष्ट्रपति चुनाव में एशियाई अमेरिकी, हवाई के मूल निवासी और प्रशांत द्वीप के मतदाता उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तुलना में अधिक उपयुक्त उम्मीदवार मान रहे हैं।

एएपीआई (एशियाई अमेरिकी एवं प्रशांत द्वीप वासी) मतदाताओं का यह भी मानना ​​है कि हैरिस ऐसी उम्मीदवार हैं जो उनकी पृष्ठभूमि और नीतिगत विचारों का बेहतर प्रतिनिधित्व करती हैं। एएपीआई डेटा और एपीआईएवोट के नये सर्वेक्षण में पाया गया है कि 10 एएपीआई मतदाताओं में से लगभग 6 हैरिस के बारे में बहुत या कुछ हद तक अनुकूल राय रखते हैं, जबकि लगभग एक तिहाई की राय कुछ हद तक या बहुत प्रतिकूल है।

प्रत्येक 10 एएपीआई मतदाताओं में तीन की ट्रंप के बारे में सकारात्मक राय है और करीब दो-तिहाई की नकारात्मक राय है। यह अक्टूबर 2023 से हैरिस के पक्ष में माहौल बेहतर होते जाने को दर्शाता है, जब एपी-एनओआरसी/एएपीआई डेटा सर्वेक्षण में पाया गया कि एएपीआई के लगभग आधे वयस्क उनके बारे में कुछ हद तक या बहुत अनुकूल राय रखते थे। हालांकि, इस समूह में ट्रंप के बारे में राय स्थिर बनी हुई है।

हैरिस अश्वेत (ब्लैक) और दक्षिण एशियाई अमेरिकी दोनों हैं, और उन्होंने जॉर्जिया जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में एएपीआई मतदाताओं को एकजुट किया है, जहां उनकी संख्या बढ़ रही है। लेकिन सर्वेक्षण से पता चलता है कि एएपीआई मतदाताओं को ट्रंप की तुलना में हैरिस में अपनी सांस्कृतिक पहचान के प्रतिबिंबित होते देखने की अधिक संभावना नजर आ रही है।

लगभग आधे एएपीआई मतदाताओं का कहना है कि हैरिस उनकी पृष्ठभूमि और संस्कृति का बेहतर प्रतिनिधित्व करती हैं, जबकि 10 में से केवल एक मतदाता ने ट्रंप के बारे में ऐसा कहा। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि उम्मीदवारों के बारे में उनकी राय को यह कितना प्रभावित कर रहा है। दस में से केवल 3 एएपीआई मतदाताओं का कहना है कि हैरिस की एशियाई भारतीय पहचान उनके लिए अत्यंत या बहुत महत्वपूर्ण है।

सर्वेक्षण से संकेत मिलता है कि हैरिस का महिला होना एएपीआई मतदाताओं के लिए उनकी नस्लीय पृष्ठभूमि से अधिक महत्वपूर्ण हो सकता है। हालांकि हैरिस के चुनाव प्रचार अभियान ने इस बात पर जोर देने से परहेज किया है कि वह पहली महिला राष्ट्रपति हो सकती हैं। एएपीआई महिला मतदाताओं में से लगभग आधी का कहना है कि एक महिला के रूप में हैरिस की पहचान उनके लिए अत्यंत या बहुत महत्वपूर्ण है। सर्वेक्षण में, एएपीआई महिलाओं ने एएपीआई पुरुषों की तुलना में कहीं अधिक मुखर होकर कहा कि एशियाई या एशियाई अमेरिकी के रूप में उनकी अपनी पृष्ठभूमि उनके खुद के बारे में सोचने के तरीके के लिए ‘‘बहुत’’ महत्वपूर्ण है।

एपीआईएवोट की कार्यकारी निदेशक क्रिस्टीन चेन ने कहा, ‘‘हमने युवाओं के साथ-साथ एएपीआई महिलाओं द्वारा भी कई कार्यक्रमों का आयोजन करते देखा है, जो असल में विभिन्न जातीय समूहों का नेतृत्व कर रही हैं, जैसे कि महिलाओं के लिए दक्षिण एशियाई, हैरिस के लिए दक्षिण एशियाई, हैरिस के लिए कोरियाई अमेरिकी, हैरिस के लिए चीनी अमेरिकी।’’

सर्वेक्षण से पता चलता है कि एएपीआई मतदाताओं से डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता अधिक संपर्क कर रहे हैं। दस में से लगभग 4 एएपीआई मतदाताओं ने कहा कि पिछले साल डेमोक्रेटिक पार्टी ने उनसे संपर्क किया, जबकि 10 में से लगभग 3 ने रिपब्लिकन पार्टी के बारे में भी यही बात कही। ट्रंप और रिपब्लिकन पार्टी से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जेडी वेंस ने हाल में एशियाई अमेरिकियों और भोजन के बारे में पुरानी रूढ़ियों को दोहराया है। उन्होंने इन झूठी अफवाहों का जोरशोर से प्रचार किया कि स्प्रिंगफील्ड, ओहायो में हैतियाई प्रवासी पालतू जानवरों को खा रहे हैं, और सर्वेक्षण में पाया गया कि नस्लवाद का मुद्दा इस समूह के लिए व्यापक रूप से महत्वपूर्ण है।

हालांकि, सर्वेक्षण में यह भी जाहिर हुआ कि सभी एएपीआई मतदाता ट्रंप के प्रति नकारात्मक राय नहीं रखते। एएपीआई डेटा के संस्थापक और कार्यकारी निदेशक कार्तिक रामकृष्णन ने कहा, ‘‘एक मुद्दा, जहां रिपब्लिकन पार्टी एएपीआई के समर्थन को कम कर सकती है, वह है अर्थव्यवस्था और अपराध। और मुझे लगता है कि हैरिस ने कुछ प्रस्ताव पेश कर इस संबंध में आलोचनाओं को खारिज करने की कोशिश की है।’’

India Edge News Desk

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